Monday, January 20, 2014

पंकज कुमार झा यह 7-8जून 2011 के दरम्यान के लगभग 2बजे रात का फोटो है. बाबा रामदेव और उनके लोगों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा किये गए क्रूरता-बर्बरता का विरोध करने के लिए पूरी भाजपा राजघाट पर धरनारत थी. श्री लालकृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी समेत सभी भाजपाई रात भर जमे रहे थे राजघाट पर ही. देर रात थककर नेतागण इसी तरह जमीन पर निढाल हो गए थे. आज केजरीवाल का एक-एक शॉट जहां मीडिया इवेंट है, वहाँ इस फोटो को खीचने वाले आशीष कुमार 'अंशु' गवाही देंगे की केवल एक इस फोटो को खीचने के लिए उन्हें (और हम लोगों को भी) कितनी मशक्कत करनी पडी थी. यानी भाजपा के लिए इस तरह सडक पर सोना कोई पीआर एक्सरसाइज नहीं था. (भाई संजीव सिन्हा भी उस दिन का अनुभव लिखेंगे तो अच्छा लगेगा.) और आपको याद है, तब बाजारू मीडिया, बहस क्या चला रही थी? जी हाँ, उस समय मुद्दे को डायवर्ट करने के लिए सारे के सारे चैनलों पर बस एक ही विषय प्रायोजित था कि सुषमा स्वराज को राजघाट पर ठुमके लगाना चाहिए था या नहीं. एक्चुअली रात भर कार्यकर्ताओं को जगना था. देशभक्ति के गाने बज रहे थे. आन्दोलन के 'आनंद' में सब झूम रहे थे. कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने वहीं बैठी सुषमा जी को भी कुछ क्षण के लिए खीच लिया था झूमने. बस...बन गयी थी 'खबर.' क्या कहा जाय.

Don't Forget to Share

No comments:

Post a Comment