Saturday, February 15, 2014

मित्रों आजकल हर जगह "गुड-गवर्नेंस" की बात हो रही है.... .वैसे ये "गुड-गवर्नेंस" है क्या बला ये मेरी जैसी सीमित राजनैतिक समझ वाला बन्दा ज्यादा नहीं समझता....प्रैक्टिकल हथौड़ा छाप आदमी हूँ सो आसान भाषा में अपना एक अनुभव शेयर करना चाहता हूँ... थोड़ा लंबा है...... . मेरे कामकाज के सिलसिले में कई छोटे और मझोले उद्योगों के मालिकों से अक्सर मुलाक़ात होती रहती है खासकर जो कि इंजीनियरिंग का सामान बनाते हैं.... अभी हाल ही में एक महाशय से मुलाक़ात हुई जिन्होंने अपना पूरा बिजनेस महाराष्ट्र से गुजरात में शिफ्ट किया...मूलतः उत्तर भारतीय हैं....मैंने जब उनको पूछा कि गुजरात में उद्योग लगाने का उनका अनुभव कैसा रहा तो उनका जवाब सुनिए........ ==============================करीब दो साल पहले की बात है...मैंने अपना काम गुजरात में शिफ्ट करने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए अर्जी दी तो पता चला कि १०० करोड़ से ऊपर का कोई भी उद्योग लगाना हो तो वो सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के नियंत्रण में आता है...मैं वहाँ जाकर मिला तो अनुभव ऐसा था मानो किसी प्राइवेट बैंक में लोन के लिए अप्लाई करने गया हूँ...तीन-चार दिन में मेरा काम हो गया.... प्राकृतिक ऊर्जा से जुड़ा कार्य है इसलिए जमीन भी रियायती दामों पर मिली....इसी सिलसिले में नरेंद्र मोदी से मिलने का समय माँगा तो दो दिन बाद का समय मिला वो भी सुबह ८.३० का....मेरा दिमाग घूम गया कि कोई मुख्यमंत्री भला सुबह ८.३० पर कैसे मिल सकता है......खैर मुझे लगा कि सरकारी टाइम है कौन सा जो वो इतनी सुबह किसी से मिलेंगे... .नियत दिन पर मैं उनके आवास पर पहुंचा समय करीब ८.४० के आसपास था....वहाँ एक कर्मचारी ने मेरा नाम पूछा और बताया आप देरी से आये हैं वो कब से आपका आपका इंतज़ार कर रहे हैं...मैंने पूछा सर आ गए क्या ???वो बोला वो रोज सुबह ७ बजे से मीटिंग शुरू कर देते हैं.....मुलाक़ात हुई...मैं विस्मृत हो गया......उन्होंने दो-टीम मिनट की बातचीत में सब कुछ बता दिया.... . १. इंडस्ट्री डालने में आपको जो मदद सरकार से चाहिए वो मिलेगी.... .२. आपको समय सीमा देनी होगी... .३. नियत समय सीमा पर अगर आपके कारखाने का उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो आपको कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा....समय सीमा के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से आपके काम का जायजा लेने के लिए सर्वेयर जाएगा... .४. अगर आपको किसी भी सरकारी तंत्र या स्थानीय कारणों से अपना कार्य शुरू करने में दिक्कत हो रही हो तो आप उसकी जानकारी सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में दे सकते हैं.....आपकी हर संभव सहायता की जायेगी..... .उन महाशय का कारखाना नियत समय से कई दिन पहले शुरू हो गया.....बिजली,पानी,पी यू सी,इंडस्ट्रियल लाइसेंस आदि की व्यवस्था मुख्यमंत्री ऑफिस के सिंगल विंडो से ही हो गई....कहीं धक्के नहीं खाने पड़े... =============================== . अब मेरे हिसाब से तो यही "गुड-गवर्नेंस" है.....बाक़ी का पता नहीं..... .

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